#केदारनाथ के बारे मे कुछ रोचक जानकारी


केदारनाथ उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित एक प्रसिद्ध तीर्थस्थल है। यह स्थान हिमालय की गोद में स्थित है और यहां भगवान शिव को समर्पित एक पवित्र ज्योतिर्लिंग मंदिर है। केदारनाथ भारत के चारधाम और पंचकेदार में से एक है।

स्थान और महत्व:
स्थिति: यह मंदिर समुद्र तल से लगभग 3,583 मीटर (11,755 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है। इसके चारों ओर बर्फीली चोटियां और मंदाकिनी नदी का खूबसूरत दृश्य इसे अद्भुत बनाता है।
धार्मिक महत्व: केदारनाथ मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यह महाभारत काल से जुड़ा हुआ है और मान्यता है कि पांडवों ने भगवान शिव के दर्शन के लिए यहां तपस्या की थी।
मंदिर की विशेषताएं:
मंदिर का निर्माण पत्थरों से किया गया है और यह वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण है। इसे आठवीं सदी में आदि शंकराचार्य ने पुनर्निर्मित कराया था।
यहां शिवलिंग को त्रिकोणीय आकार का माना जाता है, जो अन्य ज्योतिर्लिंगों से अलग है।
यात्रा का समय:
केदारनाथ मंदिर हर साल अप्रैल/मई से नवंबर तक खुला रहता है। सर्दियों में भारी बर्फबारी के कारण इसे बंद कर दिया जाता है, और भगवान शिव की पूजा ओंकारेश्वर मंदिर (उखीमठ) में होती है।
पहुंचने का मार्ग:
हवाई मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा जॉली ग्रांट एयरपोर्ट, देहरादून (करीब 238 किमी) है।
रेल मार्ग: निकटतम रेलवे स्टेशन ऋषिकेश (करीब 216 किमी) है।
सड़क मार्ग: गौरीकुंड तक सड़क मार्ग है, इसके बाद केदारनाथ तक 16 किमी का पैदल/घोड़ा मार्ग है।
विशेष आकर्षण:
भीम शिला: 2013 की बाढ़ के दौरान यह शिला मंदिर को बचाने के लिए एक ढाल बन गई थी।
मंदाकिनी और सरस्वती नदियां: यह दोनों नदियां केदारनाथ के पास मिलती हैं।
चोराबाड़ी झील (गांधी सरोवर): यह एक खूबसूरत झील है जो केदारनाथ से कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
महत्वपूर्ण जानकारी:
केदारनाथ यात्रा के लिए स्वास्थ्य और सुरक्षा का ध्यान रखना बेहद जरूरी है क्योंकि यह उच्च ऊंचाई वाला क्षेत्र है।
सरकारी पंजीकरण और ग्रीन कार्ड बनवाना अनिवार्य है।
यह स्थान न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि अपनी प्राकृतिक सुंदरता और शांति के लिए भी प्रसिद्ध है।















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